भारत में और भी बढ़ सकता है कोरोना का खतरा, जानें वजह और बचाव के तरीके

भारत में और भी बढ़ सकता है कोरोना का खतरा, जानें वजह और बचाव के तरीके

सेहतराग टीम

कोरोना के मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं। इसके मामले को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में भारत में कोरोना के काफी दुष्प्रभाव होने वाले हैं और काफी भयानक रूप ले सकता है। इसके पीछे का मुख्य कारण इस समय फैलने वाला फ्लू बन सकता है। क्योंकि इस समय काफी तेजी से इंफ्लूएंजा वायरस फैल रहा है और इसके कई लोग शिकार भी हो चुके हैं।

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इस तरह होगा कोइंफेक्शन का परिणाम

वे चिकित्सक जो अबतक इस तरह के मामलों का इलाज कर चुके हैं, उनका कहना है कि कोरोना और फ्लू के वायरस में यह समानता है कि दोनों ही शरीर को इस तरह प्रभावित करते हैं कि रोगी को श्वास संबंधी समस्याओं और ब्लड- ऑक्सीजन लेवल में कमी की समस्याओं से जूझना पड़ता है। विदेश में इस तरह के मामले सामने आना शुरू हो चुके हैं। सामान्यत: दिसंबर और जनवरी माह में भारत में भी अधिकतर लोग, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, फ्लू का शिकार हो जाते हैं।

इस तरह मिलते हैं वायरस

स्टेनफोर्ड हेल्थकेयर के संक्रमण विशेषज्ञ डीन विन्सलॉ के मुताबिक, यह एक बहुत छोटा अंतराल है जब एक वायरस के शरीर में मौजूद होने के वक्त ही छोटी सी जगह से दूसरा वायरस कोशिकाओं तक प्रवेश कर जाए। पहले वायरस ने वैसे ही मरीज की रोग- प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर ही दिया होता है, जिस कारण दूसरा वायरस आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकता है। 

मरने की संभावना हो जाती है दोगुनी

हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति पर दोनों वायरस ने एक साथ हमला किया तो उसके मरने की संभावना एक सामान्य कोरोना मरीज के मुकाबले दोगुनी हो जाएगी। इस तरह के मरीजों का उपचार आईसीयू और वेंटीलेटर पर ही संभव हो पायेगा। चीन में भी जिन मरीजों का पर्यवेक्षण किया गया, उनकी स्थिति कुछ इसी तरह पाई गई। 

इन लोगों को रहना होगा बचकर

बुजुर्गों के लिए ये कोइंफेक्शन किसी खतरे से खाली नहीं है। बुजुर्गों की रोग- प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर होती है। बहुत जरूरी है कि आने वाले दिनों में उनका अधिक ख्याल रखा जाए। वे लोग जो फेफड़ों के बीमारियों, कैंसर, मोटापे आदि से पीड़ित हैं, उनके लिए भी इस कोइंफेक्शन से बच पाना थोड़ा मुश्किल है।

बचाव के उपाय

इसके इंफेक्शन से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि यदि लक्षण दिखते हैं तो कोरोना और फ्लू दोनों की अलग-अलग जांच कराई जाए क्योंकि दोनों के लक्षण भी लगभग सामान्य है। सामान्य निगरानी से दोनों में अंतर कर पाना संभव नहीं है। इसलिए बेहतर विकल्प यही है कि समय रहते दोनों की जांच करा ली जाए अन्यथा इस समस्या से जूझना आसान नहीं है।

मास्क ही है हथियार

कोरोना की ही तरह है फ्लू भी एक वायरस है जे कि किसी के संपर्क में आने से या ठंडे वातावरण से फैलता है इसलिए बहुत जरूरी है कि सामाजिक दूरी का नियम ध्यान में रखा जाए और बिना मास्क के बाहर न निकला जाए। सर्दियों के दिनों में बहुत जरूरी है कि प्रतिदिन 10 से 15 मिनट धूप में बैठें और थोड़ी बहुत सर्दी को भी नजरअंदाज न करें।

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